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Sunday 4 October 2015

Sad Shayri - वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे, माना की तुमको प्यार नहीं, नफरत ही जताने आ जाऔ


वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे,
तुम्हें भुलकर जिऊ यह खुदा न करे,
रहे तेरी दोस्ती मेरी जिन्दगानी बनकर,
यह बात और है जिन्दगी वफा न करे

सदीयो से जागी आँखो को, एक बार सुलाने आ जाओ, 
माना की तुमको प्यार नहीं, नफरत ही जताने आ जाऔ
 जिस मोङ पे हमको छोङ गये, हम बैठे अब तक सोच रहे 
क्या भुल हुई क्यो जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ! 

जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा,
 जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा, 
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता, यारों जो जलेगा, 
उसी दिये में तो उजाला होगा…
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