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Sunday 13 September 2015

तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है - मेरा दर्पण ; तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण. - God Pray



बहूत ही सुंदर ( कृपया एक-एक शब्द पढें )  


कोई सोना चढाए , कोई चाँदी चढाए ; कोई हीरा चढाए , कोई मोती चढाए ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; 

अगर मैं फूल चढाता हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है ; अगर मैं फल चढाता हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है ; 


अगर मैं जल चढाता हूँ , तो वो मछली का झूठा है ; अगर मैं दूध चढाता हूँ , तो वो बछडे का झूठा है ;


चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं सोना चढ़ाता हूँ , तो वो माटी का झूठा है ;


अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का झूठा है ; अगर मैं मोती चढाता हूँ , तो वो सीपो का झूठा है ;


अगर मैं चंदन चढाता हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन, कि ये निर्धन का डेरा है ; 


अगर मैं तन चढाता हूँ , तो वो पत्नी का झूठा है ; अगर मैं मन चढाता हूँ , तो वो ममता का झूठा है ; 


अगर मैं धन चढाता हूँ , तो वो पापो का झूठा है ; अगर मैं धर्म चढाता हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है ; 


चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है ; 

तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है - मेरा दर्पण ; तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण.


source: facebook


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